top of page

रास्ते

  • लेखक की तस्वीर: अर्चना श्रीवास्तव
    अर्चना श्रीवास्तव
  • 28 दिस॰ 2024
  • 1 मिनट पठन

चल पड़े जिस रास्ते,

अभी इन रास्तो में

उलझनें बहुत है ।

अभी तो उलाहने बाकी है

अभी तो नाराज़गी बाकी है

अभी तो सुनना बाकी है

अभी तो सुनाना बाकी है ।

न हार मान ये जिन्दगी,

मत कर अपने-आप से तकरार

इन उलाहना, नाराज़गी से तो

बनेंगे आगे के रास्ते।तो

Comments


  • Facebook
  • X

© 2024 इहिताकृति | अर्चना श्रीवास्तव द्वारा सभी अधिकार सुरक्षित।"

bottom of page