रास्ते
- अर्चना श्रीवास्तव
- 28 दिस॰ 2024
- 1 मिनट पठन
चल पड़े जिस रास्ते,
अभी इन रास्तो में
उलझनें बहुत है ।
अभी तो उलाहने बाकी है
अभी तो नाराज़गी बाकी है
अभी तो सुनना बाकी है
अभी तो सुनाना बाकी है ।
न हार मान ये जिन्दगी,
मत कर अपने-आप से तकरार
इन उलाहना, नाराज़गी से तो
बनेंगे आगे के रास्ते।तो
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